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महाविद्यायें एक साधिका की नज़रों से…

दिन 3 : महाविद्या षोडशी/ त्रिपुर सुंदरी

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कल्लूराम का जादुई ‘गुरु-मंतर’

"ए बाबा! चेला बनूँ रे! मंतर दे दे!"

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What’s your ‘हाऊ’??

राम रूप धरि राबन मारेउँ पर कभहु न देखें 'हाऊ'

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महामाई! गुरु-घर करनी चाकरी

मस्ती करें, लोग हँसायें, साधू-वेश में विष्णु आयें!

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School Books vs. ब्रह्म-विद्या 😉😉

विद्या और पराविद्या की आँखें चार हुईं। ठाकुर ने देखा 'सागर' को। और 'सागर'...

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मेरी अम्मा

पर अम्मा तो ठहरी अम्मा, पियार में पड़कर मोक्ष भी दान में दे देती...

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13 फरवरी: जब महामाई जाग उठी (Part...

माँ, प्रभु से एक हो जाने का दिन तुम्हें भी मुबारक हो!

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13 फरवरी: जब महामाई जाग उठी (Part...

माँ, प्रभु से एक हो जाने का दिन तुम्हें भी मुबारक हो!