My poem…….. No…… It’s a feeling, I have threaded words in the thread of feelings…

इंतजार

इंतजार है उस पल का,
सुकून हो जिसमें तेरे साथ का।

कहना है बहुत कुछ तुमसे,
शिकायतें है कुछ तुमसे,
आओगे तुम मुझसे मिलने,
ये आशा है मेरी तुमसे।
तुमने कहा था तुम मेरे हो,
बस इसी को मान लिया मैंने,
कि तुम मेरे हो।

अच्छा ठीक है समझता हूं तुम्हारी मजबूरी,
लेकिन बताओ कब तक सहन करूं ये दूरी।
कोई ऐसा तो पल होगा,
जिसमें हमारा साथ मुक्कमल होगा।

तुम्हें मैसेज या फोन भी नहीं करता।
सोचता हूं तुम करोगे कभी,
फोन की बेल बजती है जभी।
लगता है कि तुम बात करोगे अभी,
दिल टूट जाता है,
जब फोन किसी और का आता है।

बहुत कोशिश करता हूं अपना हाल बताऊं,
लेकिन जब बात होती है कहता हूं कि क्या सुनाऊं।
तुम पूछते भी नही दोबारा कि सच कहा या झूठ,
मैंने भी कहा दिल को इस से ना तू रूठ।
अरे उसे समझ नही आता कि मैं रूठा हूं,
ऐसा सोचने वाला देखो मैं कितना झूठा हूं।

सब बातें समझते हो,
फिर भी
तुम अनजान बनते हो,
लेकिन मुझे तो इंतजार है उस पल का,
जिसमें तू जाने हाल मेरे दिल का।

इंतजार इंतजार इंतजार

Thanks for reading….

Pic Credits: psiloveyou