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Here I am sharing a poem I wrote for a competition on Swami Vivekananda Jayanti (12 Jan, 2021) which is celebrated as National Youth Day.


युवा हो तुम आगे बढ़ो , उठो जागो और चल पड़ो|

चुनौतियाँ रही ललकार , समय की है यही पुकार
आगे आगे बढ़ते रहो , संघर्षों को हँसकर सहो|

युवा हो तुम आगे बढ़ो , उठो जागो और चल पड़ो|

अकर्मण्यता को तुम छोड़ो , व्यसनों से तुम नाता तोड़ो
कदम तुम्हारे रुके नहीं , शीष तुम्हारा झुके नहीं|

युवा हो तुम आगे बढ़ो , उठो जागो और चल पड़ो|

त्यागो अपने दुर्विचार , अपनाओ तुम नवाचार
जो फैली है बदहाली , तुम फैलाओ खुशहाली|

युवा हो तुम आगे बढ़ो , उठो जागो और चल पड़ो|

धर्म के नाम पर अब ना बांटो , राष्ट्र को अपने तुम मत काटो
सबके प्रति दृष्टि हो सम , कहो वसुधैव कुटुम्बकम्|

युवा हो तुम आगे बढ़ो , उठो जागो और चल पड़ो|

स्वधर्म का तुम्हें ज्ञान नहीं , संस्कृति का सम्मान नहीं
धर्म अपना याद करो , पाप की लंका खाक करो|

युवा हो तुम आगे बढ़ो , उठो जागो और चल पड़ो|

कर्मपथ पर कदम बढ़ाओ , भारत वर्ष को ऊँचा उठाओ
विश्वगुरु हम पुनः कहलाएँ , कल्याण का हम मार्ग दिखाएँ|

युवा हो तुम आगे बढ़ो , उठो जागो और चल पड़ो|

जो नरेंद्र¹ कहकर गए , क्या तुम उसे भूल गए
उनका सपना याद करो , भारत की जयकार करो|

युवा हो तुम आगे बढ़ो , उठो जागो और चल पड़ो|

बीती जो एक अंधियारी रात , हो अब एक नई शुरुआत
विवेक अपना तुम जगाओ , आनंद को हर ओर फैलाओ|

युवा हो तुम आगे बढ़ो , उठो जागो और चल पड़ो|


P.s.: 1. Swami Vivekananda’s former name was Narendra.