तकलीफ मुझे हो रही है स्वामी, जब श्री चक्र नगर और साधना ऐप के लिए पैसे कम पड रहे है। कितने सारे भक्त आपके सिद्धि से ठीक होगये। लेकिन कभी खुद के लिए सिद्धी का इस्तीमाल नही किया। तकलीफ होती है मुझे जब फेसबुक और ट्विटर जैसे ऐप को स्पॉन्सर बहुत ही आराम से मिल जाते है. लेकिन मेरे स्वामी को रुकना पडता है. माना की पूरा ब्रह्माण्ड आपके सामने झूका हुवा है, लेकिन खुद के लिए आप कुछ भी नहीं मांगते. लेकिन मेरा सवाल उस ब्रह्माण्ड से है, तु खूद आपने आपसे उसे क्यों नहीं देता, जो अपना सब कुछ तेरे भक्तो को दे चुका है?

२ साल के ऊपर होगए स्वामी को काम करते हुए, हात, पैर, उंगलियां सब कुछ दुख रहा था, फिर भी वो मेरे लिए करते रहे, neck pain, back pain, fever, night shifts, no exercise, redness in eyes, dry eyes, still he worked not caring even once for himself.  

मेरी वजहसे श्री चक्र नगर और साधना ऐप की रेखा भी नही हिली. क्या मेरी इतनी इच्छा भी पूरी नहीं करेगा तू ब्रह्माण्ड?

“निकला था गुरु ढूंडने घर से, तुम मिल गए तो ऐसा लगा की गुरु की खोज पूरी हुई. जब घर वापस जानेको निकला, तो खुद को ही तुम मे खो चुका हूं. अब खुद को कहा ढूंडू, जब “मैं” बचा ही नहीं हूं.”