Just wrote a poem imagining two lovers living apart and due to long distance there are some conflicts between them and now they are not together and one wrote his or her feelings in the form of Ghazal.

(It’s not me 😅😂 I can imagine)

 

कहीं तेरे प्यार में मैं पागल ना हो जाऊं

कहीं तेरे प्यार में मैं खुद को ना खो जाऊं

 

तेरी याद आए ना ऐसा सोचता हूं

याद न करूं तो भी याद तुझे करता हूं

 

तेरी हर याद को ज़हन से भुलाना है

आज भी मासूम आंखों को रुलाना है

 

तन्हाई भी मेरी हो गई एक हिस्सा है

जो पूरा न हुआ वो तेरा मेरा किस्सा है

 

दूरी थी लेकिन प्यार में कमी ना आई

आज तुझे कैसे मेरी याद ना आई

 

जी नहीं सकते ये कहते थे तुम ही

मैं तो नहीं भूला, मुझे भूले तुम ही

 

जो किए वादे याद रहे ना तुमको ही

जाओ कहता हूं नहीं याद कुछ मुझको भी

 

शुकराना करूं दूं दुआएं तुझको

तेरी दूरी ने शायर बना दिया मुझको

 

कहीं तेरे प्यार में मैं पागल ना हो जाऊं

कहीं तेरे प्यार में मैं खुद को ना खो जाऊं

 

I can sing my ghazals, if you want I can record on SoundCloud 😁

Pic Credits: https://alliemtaylor.blog/