काफी है क्या
क्या शोर बस काफी है?
क्या शोर बस काफी है पहचान छीन
लिए जाने को?
काफी है क्या सच का झूठा होना भी?
क्या ज़ख्म बस काफी है?
क्या ज़ख्म बस काफी है एक दिन भर जाने को?
काफी है क्या मरहम का न होना भी?
क्या खुदा बस काफी है?
क्या खुदा बस काफी है कहीं छिप जाने को ?
काफी है क्या मंदिर-मस्जिद का न होना भी?
मेरे सीने में क्या दिल नहीं?
नहीं आँखों ने मेरी देखे क्या आँसू?
क्या सांसों ने मेरी थामा है कोई मुर्दा?
क्या मुर्दे का मेरे ये शमशान नहीं?
क्या सांसों ने मेरी थामा है कोई मुर्दा?
क्या मुर्दे का मेरे कोई अल्लाह, कोई राम नहीं?
क्या मुर्दे का मेरे ये श्मशान नहीं?
हाँ मुर्दे का मेरे ये श्मशान नहीं।
क्या शोर बस काफी है?
क्या शोर बस काफी है पहचान छीन
लिए जाने को?
काफी है क्या सच का झूठा होना भी?
क्या ज़ख्म बस काफी है?
क्या ज़ख्म बस काफी है एक दिन भर जाने को?
काफी है क्या मरहम का न होना भी?
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