||श्री राधा||

मैं आशा करता हूँ आप सभी स्वस्थ एवं सकुशल होंगे बहुत दिनों बाद आज सुबह कुछ लिखने का मन किया तो जिंदगी के बारे में ही कुछ मन में सुबह लाइन आई जिसको मैंने रचना का रूप दिया आशा करता हूँ आप सभी हूँ आप सभी को यह कविता पसंद आयेगी……

“हां जिंदगी मैं तेरा इक किरदार हूँ”

किस्से कहानी का ही सही मैं एक अदाकार हूँ…
हां जिंदगी मैं तेरा इक किरदार हूँ…

तूं रूलाती भी है मुझे दिन-रात, छुपाती भी है कुछ राज….मै फिर भी तेरा शुक्रगुजार हूँ…. हां जिंदगी मैं तेरा इक किरदार हूं….

तू बहुत कुछ मुझे सिखाती है, कुछ बुराइयां भी जिससे मुझ मै आती है….
हर बुराई का मै गुनहगार हूँ , हां जिंदगी मै तेरा इक किरदार हूं…

तू सफर है मेरी ,मैं तेरा एक अहवाब हूँ….. हां जिंदगी मै तेरा इक किरदार हूँ…

तुझे लोग जाने क्यों कोसते हैं, सितम के यह आंसू फिर क्यों पोछंते है….हर आंसू का सिर्फ मैं जिम्मेदार हूँ….हां जिंदगी मै तेरा इक किरदार हूँ…

तू है मासूम , तुझ में भी फूल है… तुझे जाना नही यह मेरी भूल है…. तूं समझदार सी मैं नादान हूं…
हां जिंदगी मैं तेरा इक किरदार हूँ…

बहुत कुछ दिया है तूने हर बार…निभाता रहूं मैं तेरा कुछ साथ…. बस इसी बात का मैं तेरा प्यार हूँ…. हां जिंदगी मैं तेरा इक किरदार हूँ…..

तू जीना सब को सिखाती है, अंत में गले भी तूं लगाती है…. तेरी हर बात का मैं इंतजार हूं…. हां जिंदगी मैं तेरा इक किरदार हूँ…

श्री राधा