जय श्री हरि
चलो उन्हें आज याद करते है।
तुम याद आ जाते हो
जब कुछ मन में द्वंद छिड़ जाए,
तो तुम याद आ जाते हो।
जब जिंदगी का रास्ता न नजर आए,
तो तुम याद आ जाते हो।
जब किसी का दिल दुखाने चलूं।
तो तुम याद आ जाते हो,
क्या सोचोगे तुम हमारे बारे में इसके बाद,
ये सोच के हम चुप हो जाते है।
जब ठंडी हवा का झोंका तपते मन को छू ले,
तो तुम याद आ जाते हो।
जब कोई कहे हमसे की आप बेहतर हो रहे हो,
कुछ बदलाव आप में नजर आ रहे हैं,
हम मुस्कुरा के उनकी बात टाल देते है,
तो तुम याद आ जाते हो।
कोई मेरी प्रशंसा में दो बोल कह दे,
तो तुम याद आ जाते हो।
ये जो कुछ है है तुम्हारा ही तो है,
मेरे अंदर खेलते भी तो तुम ही हो।
क्या करूं अब, अगर लिखता हूं कुछ भी मैं,
तो तुम मेरे इन शब्दों में झलक ही जाते हो।
जब कभी आंखें बंद कर शांत चित्त होता हूं,
तो तुम याद आ जाते हो।
आज हिंदी दिवस 14 सितंबर को आप सभी भारतीय जिनकी भाषा हिंदी है आपको शुभकामनाएं और आशा है आप हमारी इस अद्भुत भाषा को संजो कर रखेंगे और आने वाले पीढ़ियों को इसकी मधुरता से परिचित भी करवाएंगे।
हमारी कविता को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
।।जय श्री हरि।।
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