बदनाम 

 

इस ओर से उस ओर तक हर जिव्हा पर बसा तेरा काम है। 

पर इस काल में तेरा नाम, बड़ा बदनाम है। 

 

किसी के लिए संरक्षण 

तो किसी के भय का कारण 

तेरा नाम है।  

 

कभी करुणा तो कभी दमन का मार्ग 

तेरा नाम है।  

 

उसके आने पर तू नाम बना,

उसके जाने पर तू धाम है।  

कभी नाम जो त्याग बना,

वही आज प्रतिशोध का नाद है।  

 

अजब विडंबना तेरे काल में। 

जो लेता तेरा नाम है,

तू उसी में गुमनाम है।  

 

और

राम ही जाने

ऐसा क्या है इस नाम में। 

– विश्वास दुबे

“By doubting we are led to question, by questioning we arrive at the truth”

– Peter Abelad

“I define poetry as celebration and confrontation. When we witness something, are we responsible for what we witness? That’s an on-going existential question. Perhaps we are and perhaps there’s a kind of daring, a kind of necessary energetic questioning. Because often I say it’s not what we know, it’s what we can risk discovering”

– Yusuf Komunyakaa