This poem is by my daughter Nashita

मेरे शिवजी

महादेव, शंकर,  भोलेनाथ

कई है उनके नाम

उनके आशीर्वाद से

होते है हमारे सारे काम

उनकी जटाओं में गंगा है बसती

उनकी अर्धांगिनी है माँ पार्वती

पहने वह होते है रुद्राक्ष की माला

उनके गले का वर्ण है गहरा नीला

उनका घर है पर्वत कैलाश

हमारे बुरे विचार का करते है वह विनाश

उनके नाम से गायब होता है डर

विश्व को बचाया था उन्होने पीकर जहर

नंदी पर करते है वह सवारी

बहुत सरल है उनसे करनी यारी

डमरू के ताल पे करते है वह नाच

हम पर कभी वह नहीं आने देते है आंच

सारी जगह  पर उनको  ही पाती

उनकी आँखें मुझे बहुत  है भाती 

पसंद मुझे बहुत है भोलेनाथ

सदैव उनको है रहना हमारे साथ

                      – Nashita Lotlikar

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This poem is by Samridh

मेरे प्यारे भोलेनाथ

मैं प्यार करता हूँ शिव जी से

वह पिता है गणेशा के

उनके भक्त है बहुत सारे

वह पति है पार्वती  के।

उनके गले में होता है नाग

और डमरू होता है हांतों में

गंगा  होती है उनकी जटाओं में

चाँद चमकता है उनके माथे पे।

 भोलेनाथ है बहुत अच्छे

बैठते है वह ध्यान में

पर नज़र होती है उनकी हम  सब पे।

                             – Samridh Lotlikar

Thank you for reading.🌺🌺🌺🌺🙏

Drawings by Nashita and Samridh