मुझे नहीं पता कैसे मैं आपको पाऊंगा प्रभु।😭
मेरा जीवन व्यर्थ जा रहा है।
ना मुझमें भक्ति है ना ही तप करने की शक्ति।
हे हरि मैं असमर्थ हूं।
मुझमें भक्ति का अंकुर भी नही बोया गया😭
मैं कैसे आपको पाऊंगा?
हे प्रभु आप ही आ जाओ ना
कृपा कर दो इस तुच्छ जीव पर😭

मैं अज्ञानी हूं भगवन
अधम हूं पापी हूं कामी हूं लेकिन जो भी हूं आपका हूं😭🙏🏼

मेरे भाव पुष्प आपके चरणों में😭🙏🏼🙏🏼

मैं तुझमें समाना चाहूं इस तरह,
चांदनी समाई है चांद में जिस तरह।

लेकिन उस काबिल नही ये कीट,
जो सह सके तेरी उज्ज्वल लौ को।

लेकिन फिर भी,

है चाहत कि जुड़ जाऊं तुमसे इस तरह।
नाम जुड़ा चकोर का चांद से जिस तरह।

इंतजार करूंगा तेरा इस तरह,
चातक करे बादल का जिस तरह।

मोहब्बत तुमसे कर रहा हूं,
अपनी सब स्मृति जैसे भूल रहा हूं।

सिर्फ तेरा स्मरण करना चाहूं इस तरह,
अपने गिरिधर का करे मीरा जिस तरह।

तू तारेगा “अभि” को कुछ इस तरह,
अहिल्या को तारा था जिस तरह।