जीवन के कठिन दौर में, मैंने किसी न किसी से मदद ली है।सभी ने मुझे अपने अहसानों के बोझ तले दबाया। ये वक्त वक्त की बात है। आज समय विपरीत है कल अच्छा भी आयेगा।ईश्वर जब आपको जिस चीज के पात्र समझता है। तब स्वतः आपको मिल जाती है।आप अगर किसी की मदद करते हैं तो ये ईश्वर का आशीर्वाद ही है की आप ये सब करने की समर्थतता रखते हैं। मुझ पर या किसी पर अपने अहसानों को गिनाकर ईश्वर को ये संदेश मत दो की उसने आपको इस लायक बनाकर कोई भूल कर दी। जिस तरह प्रकृति सब कुछ देकर भी सहज रहती है आप भी वैसे बनो।

आप मदद करने वालों में हो इसके लिए ईश्वर को धन्यवाद करो।
ये मानता हूँ की तेरा कर्जदार हूँ।

मैं भी किसी फन का फनकार हूँ ।

पैसों से तोलते हो मेरी काबिलियत,

पर बता दूँ की तेरी तरह मैं भी ईमानदार हूँ।

तू लेकर आया पिछले जन्मों की रहीसी अपने साथ

क्या नही मैं भी इसका हकदार हूं।

खामोश रहकर उलझा हूँ अपनी उधेडबुन में,

मतलब ये नही की मैं गद्दार हूँ।

नोटों के आंकड़ों से अगर सब मिल ही जाता है।
तो फिर क्यों,
मै ईशवर का अनोखा चमत्कार हूँ।