श्री ललिता सहस्रनाम
🕉श्रीमात्रे नम:
देवी माँ के सहस्रनाम हमें धीरे-धीरे माँ की गोद की ओर ले जाते हैं। एक-एक नाम अपने में सम्पूर्ण है। इन नामों से हमें देवी माँ के विभिन्न गुणों का पता चलता है। जैसे जैसे हम ध्यान से, प्रेम से, भक्ति से इन नामों को जपते हैं, इनका पाठ करते हैं। वैसे ही हमारी धारणाएं, वासनाएं, तुच्छ विचार, लोभ और क्रोध जैसे रुकावटें दूर होने लगती हैं। हम माँ के और नजदीक पहुँच जाते हैं। उनकी ममतामयी गोद में पलते हैं और पोषण पाते हैं। भक्ति और प्रेम के उस सागर में किसी भी प्रकार के अन्य भय या लोभ रूपी मगर दूर-दूर तक नहीं बस पाते। इतनी अद्भुत है देवी माँ की शरण। किसी वट वृक्ष की तरह जहाँ दुनिया से थके हुए, हारे हुए लोगों को ममता रूपी शीतल छाया मिलती है। माँ फिर से हमें संसार में प्रेम से, साहस से, अधिक कर्मठ होकर अपना कर्म करने के लिये बल देती हैं।
मुझे अनुभव होता है नवदुर्गा कभी खत्म नहीं होते। माँ हमारे साथ हमेशा से हैं वो तो हम ही उनसे विमुख हो गए हैं। पर आज भी समय हैं माँ की तरफ देखने का। उन्हें मनाने का, उनकी ममता पाने का और उनकी भक्ति में डूब जाने का। उनका नाम लेकर उन्हें पुकारने पर वे जरूर आती हैं। अपने बच्चे की हठ के आगे माँ को आना ही होगा। मिनटों उनकी भक्ति में, प्रेम में डूब जाने के बाद संसार का सौन्दर्य तो और अधिक निखर कर सामने आएगा। माँ के लिये हमारी इस भक्ति की एक-एक श्वाँस साक्षी हो जाएगी। सही चुनाव का यही चमत्कार है हमारा चुनाव हमारा जीवन बदल देता है। जरा एक बार माँ का नाम पुकार कर देखें, वे भी न जाने कब से हमें पुकार रही हैं।
🕉श्रीमात्रे नम:
Learn the chanting and meaning of Lalitha Sahasranam- https://www.youtube.com/watch?v=ul3xLmnSp1s
देवी माँ के चरणों में अर्पण🌼🌼🙏
Thanks for the image to cutewallpaper
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