किसीने बड़े कमाल की बात कही है…
कीसको क्या मिला उसका कोई हिसाब नही,
तेरे पास रूह नही, मेरे पास लिबाज़ नही।
Hello friends, once more I’m coming with a beautiful story. Here is…
एक समय की बात है। एक राजा था। उसके पास सब कुछ था। राज्य में सबकुछ सही चल रहा था। एक बार वह महल के दौरे पर निकला। आगे चलते उसने एक नोकर को देखा जो सफ़ाई के साथ गाना गुनगुना रहा था। मजे से अपना काम कर रहा था, अपनी ही धुन में मस्त था। राजा को यहीं से ही परेशानी हो गई।
राजा महल में लौटे। रानी को बताया कि आज में बहुत चिंतित हु। आज मेने एक नोकर को देखा जो बहोत खुश था क्या मिलता होगा उनको हमारी तरफ से जिसमे वह इतना खुश था और एक तरफ में हु एक राजा हु, एकबार आदेश करने पर सब हाजिर हो जाता है, सब कुछ है मेरे पास फिर भी मुझे उस नोकर जितनी खुशी महसूस क्यों नही होती?
रानी ने कहा ये तो एकदम छोटी सी बात है। उसे भी निन्यानवे की जमात में शामिल कर देते है। एक काम करते है, उसके घर के आगे निन्यानवे सिक्के से भरी पोटली रख दीजिए। राजा ने कहा ; अच्छा, इससे क्या होगा? रानी ने कहा बस आगे आप देखते जाओ। राजा ने बिल्कुल वैसा ही करवाया।
सुबह में नौकर की पत्नि ने दरवाजा खोला तो सोने के सिक्के से भरी एक पोटली रखी हुई थी। वो तो खुश हो गई , जा के अपने पति को उठाया। दोनो खुश हो गये। नोकर ने सोने के सिक्के गिनना चालू किया; एक, दो, तीन,चार…..निन्यानवे। पोटली में निन्यानवे सिक्के थे। नोकर ने सोचा रखने वाला सो सोने के सिक्के रखता निन्यानवे नही हो सकते एक सिक्का कम है इसमें।
उसने अपनी पत्नि को वादा किया कि में सो सिक्के पूरा करके रहुगा। जहा से भी पोटली आ सकती थी, महल, शेठ – शाहूकार सब के घर तरफ गया रास्ते मे तीन चार बार देख आया कही पे भी सिक्का नही मिला। अब उसने अपनी मेहनत करके एक सोने का सिक्का कमाके सो सिक्के पूर्ण करने का निर्णय लिया।
दूसरे दिन से राजा ने नोटिस करना शरू किया अब भ नोकर खुश नही दिख रहा था। वह चुपचाप अपना एक के बाद एक काम करके राजा को खुश करने में लग गया था। ऐसा कई दिनों तक राजा ने नोटिस किया।
राजा से रहा नही गया वह रानी के पास गए और कारण पूछा। तब रानी ने बताया कि अब वह भी इस निन्यानवे की जमात में शामिल हो गया है, वह भी एक सिक्के की तलाश में जुट गया है। जबतक आप उसे सोवा सिक्का नही दोगे वो परेशान हैरान रहेगा।
आपकी हमारी जिंदगी में इस नही है कि कुछ नही है, बहोत कुछ है लेकिन हम भी उस सोवे सिक्के तलाश के भटक रहे जबकि निन्यानवे सिक्के है हमारे पास। हमारा घर, हमारे घरवाले, हम खुद। हमे ऐसा लगता है कि हमारे अपने कही नही जाएंगे । हमे भी वो सोवा सिक्का ढूँढना है जब कि हम जानते है कि इस दुनिया मे सबकुछ टेम्पररी है , हम जो हमारे पास है उसका आनंद नही उठा पाते और जो नही है उसके पीछे भागते रहते है।
Let’s, enjoy what we have.
Let’s live it, love it.
जिये तो हरपल ऐसे जिये जैसे कि आखरी हो।😉🤗
ऐसा ही जिंदगी से एक पल चुराके, on the
way to Ashram. Way to meet a divine soul our mentor.
Kajal
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