लाशों की पैदाइशें 

    ये लाशों की पैदाइशें 

    किस हक से तिलमिलाती है

    ये सड़ी गली सी सब्ज़ियां

    क्या मौत से घबराती है

    मेरी रौशिनी ले जा

    के देख किसी दर्द में खुदा भी है

    तू जनता है क्या

    मेरी ये डरी-डरी सी तितलियाँ 

    फूलों को लूट जाती है

    ये लाशों की पैदाइशें 

    किस हक से तिलमिलाती है

     ये सड़ी गली सी सब्ज़ियां

    क्या मौत से घबराती है

    ये रास्ता है क्या

    क्या नींद ये जो नींद में जगाती है  

    मेरी रौशिनी ले जा

    के देख किसी दर्द में खुदा भी है 

    मेरा जहांन हवस का मेरी गवाह 

    जा नोच ले उसे 

    वो मौत सा जवाँ ही है

    मेरा जहां नींद में तेरी जगा 

    जा छीन ले इसे ये छीनता 

    हुक्म तेरा ही है 

   ये लाशों की पैदाइशें 

    किस हक से तिलमिलाती है

    ये सड़ी गली सी सब्ज़ियां

    क्या मौत से घबराती है