(यह कविता पहले डिलीट हो गयी थी पर अब इसे रिपोस्ट कर रहा हूँ )
विषाद
मैं खुदसे पूछता हूँ कि
उस दिन मैंने क्या खोया?
इस टूटी-फूटी दुनिया में
मैं अकेला हूं और
तुम मुझ पर हंसते हो
पर तुम दोषी नहीं हो
ये दुनिया ऐसी ही है
मैं ख़ुद से पूछता हूँ
यह मेरे अंदर क्या है
उस दिन मैंने क्या खोया?
मैं क्षतिग्रस्त हूँ और
अब मेरी साँस घुट रही है
किसी और की इस दुनिया में
मैं तुम्हें दर्द नहीं देना चाहता
ये खाली मुड़ दुनिया है जहाँ
अंधेरा और प्रकाश टकराता है
पर मैं दूर जा रहा हूँ जहाँ
परमानंद सन्नाटा है और जहाँ
सिर्फ़ कोमल धूप आती है
तुम मेरे आसूं भूल जाना
और खुद की एक दुनिया बनाना
Translation:
I ask myself that
What did I lose that day?
In this broken world
I am alone and
You laugh at me
But you’re not guilty
This is how the world is
I ask myself
What’s it inside me
What did I lose that day?
I’m damaged and
Now My breath is choking
In this world of somebody else
I don’t want to hurt you
This is an empty twisted world where
Darkness and light collide
But I am going far-away where
There is blissful silence and where
Only soft sunlight comes
You forget my tears
And make a world for yourself
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