स्वच्छ भारत का अभियान

देश भर में कूड़ा हर जगह है
पर किसको परवाह है
यहां सब करते हैं मनमानी
और फैलाते हैं गंदगी
कहीं भी फेंक देते हैं प्लास्टिक
हवा हो रही है प्रदुषित
जानवर कचरा खा कर बीमार हो रहे हैं
हमारे फेफडे धुऐं में धुआँ -धुआँ हो रहे हैं
नदियों का पानी है गंदा
जैसे हो कोई बहता हुआ नाला
मछली जल की रानी है
पर अब मछलियाँ मरती जा रही हैं
प्रकृति बीमार है, अब उसे सहारा दो
थोड़ा बहलाओ, फुसलाओ, दिलासा दो
याद करो कैसे बगीचे खिलते थे इस देश में
बात करो कैसे हवा साफ रहती थी स्वदेश में
कैसे प्रकृति के नज़ारे हज़ार थे
वो कैसे लोगों का पहला प्यार थे
कुछ सीखो परदेस से गंदगी साफ करो
प्रकृति फिर से महक उठे ऐसे काम करो
आओ सारे, अब खुदसे खुदपर इनायत हो
हम नई पीड़ी को मुँह दिखाने लायक हों
स्वच्छ भारत का अभियान कृतार्थ हो
इंसानियत की अब इबादत हो