अटूट बंधन जो  बंध गया है मैं तुझ में ,तू मुझ में जी रहा है ….

 क्योंकि हम साया है तू ।

किनारा है तू,

किस्मत है मेरी,

नजारा है तू,

तुझ में ही  है मेरी दुनिया सारी …..

 साया हूं मैं , हमसाया है तू ,

 आंखों की नमी में गुमशुदा हो जाता है तू ,

 होठों की गीली सी हंसी में लापता हो जाता है तू ,

 समंदर में फैली  रेत से  मोती जैसा बनता है ,

 इस रूह को प्यार की पोशाक से तू सजाता है ,

 चूड़ियों की प्यारी खनखन जीवन का राग सुनाती है ,

 लाल, हरी,  नीली, पीली रंग प्यार के बतलाती है ,

 हाथों में लगी मेहंदी अब तो खुशियों की  बात बतलाती है ,

 कदम यहां पड़ते हैं ,

मैं बस तुझ में खो रही हूं ,

 पलकों का काजल,

कान का झुमका ,

आज फिजायें क्या क्या कह रही है ,

 टीका माथे पर , तेरे नाम का सजाया ,

 पायल भी पहन ली ,तेरे प्यार से भरी ,

 ना याद तुझे है  तेरी ,

 ना मैं मुझको जानू,

तुझ में मैं खो जाऊ,

मेरी अनकही बातों को, तू प्यार की आंखों से सुन लेता है ,

 जज्बात जो बयान ना किए, महसूस फिर भी कर लेता है ,

 कड़ी धूप की किरणें सफेद रेत की चादर पर ,

 तेरे साथ से , मालामाल एहसास दे जा रही है 

 मेरी हर हंसी के लिए शाम रंगीन करता है ,

 चांदनी रात में प्यार की आग और तेरा साथ …….

🙏🙏🙏