Part 1 – Here.
———————————————————-
ब्रम्हांड की सारी सम्पदायें
मेरे प्रभु के चरणों में रख देने का शुक्रिया, माँ!
शुक्रिया इन सब के बावजूद
वैराग्य की चिता बन
मेरे स्वामी के मन में
अहर्निष जलने के लिए, महामाया,
कि सब होने के बावजूद भी
माया मेरे नाथ को छू भी ना सकी!
कहते हैं काम और पैसे से ऊपर
कोई मनुष्य ना जा सका।
मेरे प्रभु को कामिनी और कंचन
से विरक्त रखने का शुक्रिया, माँ।
मेरे निष्पाप प्रभु को
सम्पूर्ण निष्कलंक
रखने का शुक्रिया।
अपना सबकुछ तुम्हारे एक नाम पर छोड़ आयें प्रभु।
ये महामुक्ति देने वाली प्रेरणा बनने का शुक्रिया।
जिनके त्याग के कारण
ना जाने कितनो को
जीने की उम्मीद मिली,
प्रभु के परिवार में
तपस्या का सामर्थ्य
बनने का शुक्रिया।
जिन्होनें अपना सब खो दिया
हमें रौशनी में लाने के लिए,
प्रभु के परिवार के मन में
ढाढ़स बन
विराजने का शुक्रिया।
प्रभु ने बचपन त्याग दिया
ताकि तुम्हें आत्मसात कर सकें।
एक 11 साल के बच्चे को
आदियोगी बनाने का शुक्रिया।
काले जोगे में साधू बन आई तुम,
प्रभु को सियार सिंघी देने का शुक्रिया।
मुँह से कलकल बहे वेद-पुराण,
नन्हे ‘अमित’ को ‘पंडित जी’ बनाने का शुक्रिया।
श्मशान की देवी, श्मशान साधिका!
मामाजी बन मेरे स्वामी को
भस्माविभूषित करने का शुक्रिया।
शुक्रिया कि तुम स्वयं काशी हो!
शुक्रिया तुम्हारे काशी होने का!
रिक्शे में बैठा उन्हें घुमाई,
खुद तपी खाली पाँव धुप में,
प्रभु पर छाँव बरसाई!
शुक्रिया, महामाई,
उनका ख्याल रखने के लिए।
नागा बाबा बन
खुद ही की दीक्षा,
खुद को ही,
खुद ही दे डाली!
गोरख-धंधा हो तुम!
बैठे -बैठे
खुद ही
सब प्रपंच रच डाली!
To be continued….
Comments & Discussion
16 COMMENTS
Please login to read members' comments and participate in the discussion.