तो बात है अक्टूबर महीने की। दिल्ली में मुझे चार महीने हो चुके थे। काफी कुछ जानने लग गया था। जिसके लिए दिल्ली मशहूर है, स्ट्रीट फूड, हम भी उसी के दीवाने थे, कोशिश रहती थी नई नई जगहों में बजट फ्रेंडली कुछ मिल जाए। मैं अपने कॉलेज के मित्र के यहां गया था तो जब वापिस मैं अपने पीजी को आने लगा तो मैंने उसे मेरे साथ आने को कहा। वो तुरंत मान गया, हमारा क्या है हम तो फकीर आदमी है झोला उठा कर चल देते है, कुछ ऐसे ही होते है हम लड़के। रास्ते में मैं उसे बता रहा था की एक भाई है उनकी बर्गर, स्प्रिंग रोल्स की रेड़ी है, 20 रुपए में देसी बर्गर मिलता है, स्वादिष्ट होता है। वो भी खुश हो गया, मन ही मन स्वाद को याद कर मुंह में पानी भर आया था।

हम करोल बाग मेट्रो स्टेशन पर पहुंचे, वहां से उतरते ही हम चल दिया बर्गर वाले भाई के पास। एक मिनट इसी जगह पर रेड़ी लगती थी, कहां गई? आसपास पूछा तो पता चला की ये तो निकल लिए अपने गांव महीने बाद ही आयेंगे। सारी उम्मीदों पर जल सैलाब छा गया।😭

फिर हम बाजार की ओर चलने लगे। एक दुकान दिखती है, काफी भीड़ थी, एक भी कुर्सी खाली न थी। हम वहीं खड़े हो गए, इंतजार में कि कब खाली हो जगह और हम बैठे। उतने में ही एक महिला आती है और पूछती है क्या खाओगे? हमने कहा आलू टिक्की चाट। उन्होंने कहा आओ बैठो। बैठो? लेकिन कहां? हमने पूछा, तो वो बोली अरे जगह खाली है ये तो हमारे ही लोग है।🤔

क्या मतलब पूरा खानदान आ गया है क्या चाट बेचने। ये तो बिजनेस स्किल्स थी उनकी, खुद बैठ के भीड़ दिखाते है और लोग आ जाते है कि शायद कुछ अच्छा मिलता होगा। 

अब हम बैठ गए, ऑर्डर तो दे दिया था बिना मेन्यू पढ़े। 🙂 

चाट आई और हमने खाई। लेकिन कुछ मजा नही आया। उतने में फिर से वो महिला बोली कुछ पीने में लेंगे? हमने कहा जी नहीं। बस आप बिल ले आए। वो बोली 250 रुपए। 250 किस बात के? चौंक कर हम दोनो ने पूछा। अपनी डरावनी मुस्कान के साथ वो बोली 125 की एक प्लेट चाट है। 🥺

125?

चाट तो 25 की नही आती?

ज्यादा ही अच्छी है तो 60 की।

लेकिन ये जो हमने खाई थी 40 के लायक भी ना थी।

गलती की हमने, पहले मेन्यू देखना चाहिए था।

आप जब भी आए करोल बाग तो चाट ध्यान से खाइएगा।

अच्छा तो मैं चलता हूं, छोले भटूरे खाने का टाइम हो गया।

Pic Credits: https://www.funfoodfrolic.com/aloo-tikki-chaat-recipe/