शिवजी बोले पार्वती मैय्या से,

प्रिये,
मेरे दिल के किनारे से टकराती हर लहर हो तुम,
काली अंधेरी रातों में तारों की रोशनी हो तुम,
मेरे बातों में बसी हुई वाणी हो तुम, 
मेरे प्यार को जानकर भी अनजानी हो तुम।

मेरी हर मुस्कान का कारण हो तुम,
मेरे हर दु:ख का निवारण हो तुम,
पुष्पों में निहित सुगंध हो तुम,
ब्रह्मांड से जुड़ने का बंधन हो तुम!

हर सांस में बसा हुआ अनोखा एहसास हो तुम,
कठिनायों के ऊपर उठानेवाली आस हो तुम,
हर जीव में निहित ज्ञान, इच्छा, और क्रियाशक्ति हो तुम,
प्यार, मातृत्व और भक्ति की पराकाष्ठा हो तुम!

मेरी शक्ति और मेरी ही वामांगी हो तुम,
मुझे पूरा करने वाली मेरी अर्धांगिनी हो तुम,
मुझसे दूर होकर भी सदा समीप हो तुम,
मेरे अनंत ज्ञान का अमर दीप हो तुम।

प्रिये,

प्राण निकल जाने पर क्या महत्व हवा का,
गौरी के बिना क्या हैअस्तित्व शिवा का।

– 11:33pm
– 6th dec, 2022
– वेदांत रणदिवे

Wishing Everyone A Very Happy MahaShivratri, May Lord Shiva and Mother Divine’s grace always be upon all of you!! A very special and I know, a very late Thank You to my Secret Santa who gifted me the membership of Os.me!!