Recently heard a short clip of a song from “Scam 1992” Movie which is based on stock Market Scam of 1992.
On hearing once only I am addicted to it at a great extent. The singer has put his soul in singing the song. Thanks also goes to lyricist and music director.
The song is basically on fragile nature of life. Based on kabir panth. How humans feel pride in things which in fact कल रहेगी या नहीं इसका भी पता नहीं है। (Things which in fact will exist tomorrow or not, no one can say)
Song lyrics are as follows:-
मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान,
काया गार से काची – 2
ओ काया गार से काची , हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी – 2
ऐसा सख्त एक महाराज, जिसका मुल्कों पे राज,
जिन घर झूलता हाथी – 2
ओ जिन घर झूलता हाथी, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी – 2
रे मत कर माया को अहंकार …
खूट्यो सिन्दड़ा रो तेल, बिखर गयो सब निज खेल,
बुझ गयी दिया की बाती – 2
ओ बुझ गयी दिया की बाती, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का …
झूठा माई थारो बाप, झूठो सकल सब परिवार,
झूठी कूटता छाती – 2
ओ झूठी कूटता छाती, हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का …
बोल्या भवानी हो नाथ, गुरु ने जो सर पे धरया हाथ,
जिनसे मुक्ति हो जासी – 2
मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान,
काया गार से काची – 2
ओ काया गार से काची , हो जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए, झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी – 2
To Hear and download This kindly click on below links:-
Version 1 :-
Version 2 :-
https://drive.google.com/file/d/1RBu0Q1dmKrp-0Ilc52B21DLBj1BFnu8R/view?usp=drivesdk
Image from Pixabay
P.S. :- मो सम दीन न दीन हित तुम्ह समान रघुबीर
अस बिचारि रघुबंस मनि हरहु बिषम भव भीर ॥
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