जय श्री हरि।
जीवन में व्यस्तता तो बनी ही रहते हैं लेकिन जरूरी है उस व्यस्तता से कुछ समय निकालें और अपनों के साथ बिताए। कुछ समय अपनों के लिए, अपनों के साथ और अपने लिए। बहुत भाग्यशाली हैं वह व्यक्ति जो अपनों के साथ बैठकर बातें कर पा रहे हैं। अभी तो इसका मूल्य हमें पता नहीं है कि हम कितने भाग्यशाली हैं जो अपने माता-पिता से, परिवारजनों से बात कर पा रहे हैं। पता नहीं कब क्या हो जाए इसलिए जो भी मिल रहा है उसे आनंद पूर्वक ग्रहण कीजिए और जीवन का आनंद लेते रहिए।
पिछले रविवार को हमारा एक पेपर था जो कि दूसरे जिले में होना था तो उस वजह से हम एक दिन पहले ही शनिवार को वहां के लिए निकल गए। हमारी माता रानी का जन्मदिन 7 फरवरी 2022 को था जो कि सोमवार का दिन था। तो हमारे लिए थोड़ा सा कठिन तो था ही 06 को वापिस घर लौटना क्योंकि पेपर हमारा 2 से 5 बजे के बीच था और हमारे पास वापिसआने के लिए कोई साधन भी नहीं था। इसलिए हम अपने मित्र के यहां ही रुक गए और सुबह प्रातः जल्दी से उठ कर पहली बस पकड़कर जितना जल्दी हो पाए निकलने की कोशिश की और निकल भी गए। ऐसा लग रहा था कि मैं जल्दी से पहुंच पाऊंगा, तैयारियां कर पाऊंगा लेकिन जैसा हम सोचते हैं वैसा होता ही कहां है। तो हमारे साथ ही कुछ अलग हो गया। घर से 25 किलोमीटर दूर हमारी बस जिसमें हम यात्रा कर रहे थे, उसका छोटा सा एक्सीडेंट हो गया जिस वजह से वहीं रुकना पड़ा और इस वजह से हमारे 40 से 50 मिनट लगभग वही नष्ट हो गए। हम कुछ नहीं कर पाए हमने दूसरी बस की प्रतीक्षा की लेकिन गांव की सड़कों पर बस का आना-जाना ऐसा है जैसे बरसात में सूरज का आना-जाना। इसके चलते हम निकले तो सुबह 7:00 बजे थे लेकिन हम घर दिन में 2:00 बजे पहुंचे।
जो यात्रा केवल 3 या 4 घंटे की थी उसे पूरा करने में हमें 7 घंटे लग गए। हमें यह पता नहीं था कि उपहार क्या दें मां को। हमने सगुना दीदी से पूछा दीदी ने काफी हमारी मदद की और उन्होंने यह सुझाया की एक घड़ी दी जाए। जब हम बाजार गए, घड़ी तो मिली नहीं तो हमने ऑनलाइन आर्डर कर दी क्योंकि वही एक मात्र साधन था। जैसे ही हम बस से उतरे, बस स्टैंड पर, तो हमें एक फोन आया डीटीडीसी कोरियर सर्विस उन्होंने कहा कि आपका एक कुरियर आया है। हमने दो-तीन दिन पहले वृंदावन से कुछ सामान मंगवाया था और भैया ने कहा था और कुछ चाहिए तो हमने कुछ भी प्रसाद कुछ भी हो तो देना, ऐसा कहा था। ठाकुर जी की कृपा से उतरते ही सबसे पहले उसे लिया, फिर केक लिया। हम घर आए, पैकेट खोला, उसके अंदर श्री राधा वल्लभ लाल जी का भोग मठरी प्रसादी प्रसादी थी। हमारी मां कितनी भाग्यशाली हैं, उनके जन्मदिन पर ठाकुर जी ने अपना प्रसाद भेज दिया। बहुत ही कृपा रही ठाकुर जी की, इतना तो हम पर भी कभी नहीं करते कृपा। तो मां ने प्रसाद पाया। मैंने मां से कहा था जब आऊंगा तो दिन में बाजार चलेंगे, तो उसी को पूरा करने के लिए हम जल्दी से नहाए, खाना खाया, तैयार हुए। जब हम तैयार हो रहे थे, ना जाने कहां से, ऐसा होता नहीं है प्रायः, साधुओं की मंडली आई और वह हमारे घर में आकर भजन कीर्तन गाने लगे। ऐसा लग रहा था जैसे जन्मदिन की बधाई हो रही है खूब कीर्तन भजन हो रहा था। माता रानी को उन्हें भोजन कराया और दक्षिणा दी और उनका आशीर्वाद पाया। फिर बाजार से लौटते समय शाम कोहमने मां के लिए कुछ मटर, समोसे, पकौड़ी लाए खाने के लिए। पूरे घर वालों को हमने भोजन खिलाया। मां बहुत प्रसन्न थी। थकान तो हमें पिछले 3 दिनों से थी। हम सोए नहीं थे 2 दिनों से लगातार उसकी थकान और जो हमने यात्रा की उसकी थकान, कुछ महसूस ही नहीं हुई, मां की एक मुस्कान के आगे वह सब मिट गया। जो शिथिलता शरीर में थी वह हट गई। देखो एक मां की मुस्कान में इतनी शक्ति है तो हम तो भाग्यशाली हैं जो हमारी मां हमारे साथ हैं। वही साक्षात जगदंबा है। मैंने सोचा था कि यह पोस्ट उसी दिन लिख दूंगा, लेकिन शरीर भी थोड़ा ठीक नहीं था, थका हुआ था और ना ही समय मिल रहा था और मां की कृपा देखो कि पिछले कल ही मां को उनका उपहार घड़ी मिली और आज मैं यह पोस्ट कर रहा है। यह संभव हुआ है केवल स्वामी जी की कृपा से। एक स्टूडेंट अपनी पॉकेट मनी कितनी बचाएगा। स्वामी जी का धन्यवाद है जो उन्होंने हम जैसे सामान्य जीवों पर भी कृपा कर रहे हैं, अध्यात्मिक भी और भौतिक भी। पिछले साल वाली पोस्ट पर जो मां के जन्मदिन के लिए लिखी थी उसमें उन्हें मैंने कांच की चूड़ियां उपहार की थी। इस साल जब उनका जन्मदिन था तो मैंने उन्हें एक घड़ी भेंट की। मेरे लिए यह बहुत अच्छी बात है। बहुत ही खुश हूं मैं। जब मेरी मां ने अपना उपहार पाया, अपनी नम आंखों से जिस प्रकार उन्होंने मुझे अपने ह्रदय से लगाया तो मेरी भी आंखें भर गई। वह क्षण ही अपने आप में अलग था।
इसी प्रकार छोटी छोटी खुशियां बटोरता हूं,
मैं अपनी मां से बेइंतहा मोहब्बत करता हूं।
Maa smiling in the middle… Dadi Ji looking at us and I am looking at the camera…. 😂(❁´◡`❁)
Prasadam from Vrindavan. (●’◡’●)
Cake…😁😁😁😁
Maa’s Gift…
I gifted her watch, Swami gifted me this…
- 100th post: I’ll write my 100th post on Swami Ji and Devi Maa….
Image Credits: dreamsite.com
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