Jai Sri Hari!
I hope you all are doing fine today I’m sharing a poem with you.
This poem is a Bhajan actually which I wrote today for my Beloved Shyama Shyam… Sing this in your own tune….
हे मेरे वल्लभ लाडले प्यारे।
मुझ अधम के तुम ही सहारे।।
वृंदावन के बसिया छलिया।
राधा के मन के तुम रसिया।।
यमुना तट वंशी वट वासी
अनंत सुख सौंदर्य के राशि
सेवाकुंज सेवा करे मोहन।
हर ले मन एसो है जोवन।।
कृपा सिंधु श्याम प्रेम की मूर्त।
कोटि चंदा लजाय ऐसी सूरत।।
त्रिभंगी छवि मेरो मन मोहे।
वाम में स्वामिनी राधिका सोहे।।
एक ही नख पर गिरिवर धारयो।
फिर भी श्यामा जू सो हारयो।।
वृंदा विपिन छोड़ नहीं जाए।
ऐसे ठाकुर मेरे मन भाए।।
मोर मुकुट कर वंशी राजे।
निकुंज भवन युगल विराजे।।
पीताम्बर नीलंबर पहिरे।
युगल छवि ही भाए हिये।।
आनंदमयी हरिवंशी दासी।
चाहत नित ही महल खवासी।।
Enjoy you time with your Beloved Divine Krishna…
Bolo Radhika Vallabh Ki Jai.
Narayani Namostute 🌼
Bolo Sri Hari Bhagwan Ki Jai 💕
Govinda Govinda Govinda!
Namo Parvati Patye Har Har Mahadev!
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