This is a poem just wrote few minutes back thinking what all i have seen in my personal life and also while counselling people from all kind of backgrounds
प्यार के बदलते मायने मैंने देखे हैं
रूह के लिबास में ढलते हुए जिस्म मैंने देखे हैं
वैसे तो कहते हैं लोग इससे आजकल मोहब्बत
इस आग में तबाह होते हुए कई दिल मैंने देखे हैं .
जिस्म की खूबसूरती को झड़ते हुए मैंने देखा है
वादों को शिकायतों में बदलते हुए मैंने देखा है
ज़रूरी नहीं बाहरी सुंदरता वाले का दिल भी सुन्दर हो
कांच से नाज़ुक दिल वालों को पत्थरदिल होते हुए भी मैंने देखा है
अपनी ख्वाहिशों के लिए दूसरों की ज़रूरतों को दफ़न करते हुए मैंने देखा है
टूटे हुए रिश्तों को एक आखरी आस की डोर से जुड़े हुए मैंने देखा है
चाहते हैं कई लोग अंत तक साथ निभाना
मगर ज़िन्दगी के तूफ़ान में किनारे आती कश्तियों को डूबता हुए भी मैंने देखा है
देखा है मैंने उन आँखों की उदासियों को
देखा है मैंने उन लबों की खामोशियों को
बहुत कुछ कहना चाहते हैं लोग
मगर अपने अहम् की आड़ में खुद को तबाह करते हुए लोगों को मैंने देखा है
दुनिया के खिलाफ जाकर , साथ देते हुए लोगों को मैंने देखा है
अपने खून को , अपने ही खून का प्यासा होते हुए मैंने देखा है
देखा है हर वो मंज़र जो शायद खूबसूरत न था
जिस तिनके के सहारे अटकी थी दुनिया उनकी , उस आख़िरी उम्मीद को भी टूटते हुए मैंने देखा है
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I have seen the changing meaning of love
I have seen the body draped in the cloak of the soul
Though people call it love , I have seen many hearts being destroyed in this fire.
I have seen the beauty of the body falling off
I have seen promises turning into complaints
It is not necessary that the heart of the outer beauty is also beautiful
I have seen people with a fragile heart like glass, turning into stone hearted people .
I’ve seen people bury the needs of others for their own selfish desires
I have seen broken relationships connected by the thread of one last hope
Many people want to walk together till the end
But in the storm of life, I have seen the boats coming to the shore sinking.
I have seen the sadness in those eyes
I have seen the silence of those lips
people want to say a lot
But I have seen people destroying themselves under the guise of their ego.
I have seen people going against the world to support their loved ones
I have seen people thirsty for the blood of their own people
I Have seen almost every scene that was probably not beautiful
And even i saw the last hope breaking which could have been the last ray of light for some.
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