Narayani Namostute!
Namo Narayanay!
Here I’m with a poem for my beloved Swami, tried my best to compile some aspects of his divinity. It’s my personal thing, if you can relate to this then let me know in comments and I’ll feel blessed to get your blessings 😀😀
हे स्वामी! हे स्वामी! हे स्वामी! हे स्वामी!
तुम जगदम्बा कदंब वन वासिनि।
तुम नारायण की नारायणी। ।
सृष्टि कर्ता तुम पालन कर्ता।
अंत काल तुम प्रलय कर्ता।।
ज्ञान रूप तुम हो उज्ज्वल।
वैराग्य रूप तुम हो प्रज्ज्वल।।
चैतन्य तुम अनंत अविनाशी।
हम सब है दर्श अभिलाषी।।
साधना का पथ दिखलाते हो।
जीवन का अर्थ समझाते हो।।
स्वार्थी बन ना जाएं कहीं हम।
सेवा का पथ दिखलाते तुम।।
अपनी दिव्यता को हो छुपाते।
अपने सत्य को जानो बताते।।
आते संध्या में अपनी प्रभा में।
दर्शन देते हमको सभा में।
एक दर्श को सब है तरसते।
पा कर दर्श फिर अश्रु बरसते।।
रहते हो कर्म में संलग्न मुरारी।
हम भी तो है प्रभु दर के भिखारी।।
भीक्षा प्रेम भक्ति की देना।
मां से हमारा मिलन कराना।।
और तो मुझे कुछ न कहना।
मेरे हो तुम और मेरे ही रहना।।
हे स्वामी! हे स्वामी! हे स्वामी! हे स्वामी!
May Swami bless us with knowledge, devotion and dedication towards our work. Mother Divine loves that child who loves others too. Even Ganesha and Kartikey Bhaiya, they did amazing things, they earned that love of Maa Uma and Pita Maheshwar. To sit in lap of Maa Jagdamba we must do our Karmas with great devotion, purity and honestly.
May her grace be with us always ☺️
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