।।श्री हितं वन्दे।।
।।श्री राधावल्लभो विजयते।।
।।नमो नमो गुरु कृपा निधान।।
।।श्री हरि भगवान की जय।।
आप सभी भक्त वृंद को दंडवत प्रणाम।
श्री गुरु चरण कमलों को स्मरण कर आज एक और अमृत वचन हम जीवन में उतारेंगे।
- सभी जीवों का अभीष्ट है ~ परमशांति, परमविश्राम एवं परमानंद की प्राप्ति और यह तभी संभव है, जब भगवत प्राप्ति हो जाए।
पिछली पोस्ट में हमने जीवन की सार्थकता भगवत प्राप्ति बताई। अब बता रहे हैं भगवत प्राप्ति करनी क्यों है?
हम सभी सुख चाहते है, चाहते है जीवन में आनंद हो।
देखो सूक्ष्मता से, जब हमें कुछ ज्ञान चाहिए हो तो हम ज्ञानी के पास ही जायेंगे, धन चाहिए तो धनी के पास जाएंगे ठीक इसी प्रकार हमें आनंद चाहिए, आनंद के एक मात्र दाता प्रभु हैं लेकिन हम जैसे जीवों को यह पता नहीं होता और हम आनंद का स्त्रोत कहीं और ही खोजने लगते है( संसार )।
हमें जब यही ज्ञात हो जाए कि आनंद के स्त्रोत श्री हरि है तो बस बात बन गई अब हमें सही मंजिल का पता चल गया। अब धैर्य पूर्वक चलते जाओ उनकी ओर, एक दिन उस सागर में मिल जायेंगे हम।
इसलिए भगवत प्राप्ति आवश्यक है 🙏🏼
।।जय श्री हरि।।
Comments & Discussion
12 COMMENTS
Please login to read members' comments and participate in the discussion.