3y ago

परिवर्तन

परिवर्तन, जीवन का एक स्थिर सत्य है--तांडव ऋंखला का २५वाँ प्रकरण

3y ago

“मैं हुँ ना!”

"चिंता मत करो, मैं हुँ ना।" गुरु के यह दिव्य शब्द बड़ी से बड़ी...

3y ago

आज्ञा और सेवा

गुरु की आज्ञा और सेवा परम सौभाग्य से प्राप्त होती है — तांडव ऋंखला...

3y ago

आतिथ्य

किसी अपरिचित को आतिथ्य प्रदान करना मानवता का एक विशिष्ट गुण होता हैं- तांडव...

3y ago

पूजा में प्रेम

पूजा में मंत्रों से अधिक, आराध्य के लिये प्रेम होना चाहिए !

3y ago

भक्ति का रंग

कैसा भी हो, चढ़ता ही है--तांडव ऋंखला का २०वाँ प्रकरण

3y ago

भावनाओं में परिवर्तन

भावनाओं में क्षण भर का परिवर्तन भी मन की दिशा बदल देता है —...

3y ago

सरलता

भक्ति का एक नाम सरलता भी है--तांडव ऋंखला का १८वाँ प्रकरण

3y ago

वरदान

कभी कभी ईश्वर भी बिना तपस्या के वरदान देते है--तांडव ऋंखला का १७वाँ प्रकरण

3y ago

भावनायों की अभिव्यक्ति

क्या वास्तव में भावनायों की अभिव्यक्ति से सम्बंध सुदृढ़ होते है?-तांडव ऋंखला का १६वाँ...

4y ago

निपुण अध्यक्षता

निपुण अध्यक्षता ही एक सभा को एक भव्य समारोह में बदल सकती है।

4y ago

निःस्वार्थ सेवा

निःस्वार्थ सेवा से ईश्वर आपको स्वयं का स्वरूप देने के लिये बाध्य हो जाते...

4y ago

उत्सव

संघर्ष के बाद जीवन में उत्सव के भी पल आते है-तांडव ऋंखला का १३वाँ...

4y ago

अकारण तनाव

अकारण तनाव की अग्नि आनंद को भस्म कर देती है--तांडव ऋंखला का १२वाँ प्रकरण

4y ago

अकारण प्रसन्नता

अकारण प्रसन्नता ईश्वर का आशीर्वाद होती है---तांडव ऋंखला का ११वाँ प्रकरण