मेरे प्यारे आलसियों,

मुझे ये बताते हुए अत्यंत आलस हो रहा है कि, आलसनगर में आखिर चुनाव का वो वक़्त आ ही गया जिसका हम सब को पता नहीं कब से इंतज़ार था, आख़िरीबार जब आलस नगर में चुनाव सम्पन्न हुए थे तब मुझे याद है मैं 10वीं में पढ़ता था, मैं आलसनगर के समस्त आलसी बंधुओं और आलसिनी बहनों को ये ये बता देना चाहता हूं कि आलसनगर में मतदाताओं को वोट करने के लिए पूरा-पूरा 1 साल दिया जाता है, मैं आपकी परेशानी से भलीभांति वाकिफ़ हूँ, हमारी सरकार ने समस्त आलसियों को एक-एक बिस्तर ,एक तकिया और साथ मे स्वल्पाहार के लिए मूली के पराठों का बंदोबस्त किया हुआ है, हर बेरोजगार आलसी को ये सुख सब्सिडी के तौर पर उपलब्ध हैं, कोई भी नगर के आलस कार्यालय में जाकर अपना नाम पंजीकृत करवा सकता है और आलस योजना का लाभ उठा सकता है। वो कहते हैं (विपक्षी दल,परिश्रम नगर) आलस नगर की जनता ने प्रदेश का सन्तुलन बिगाड़ दिया है, आलस नगर के रहवासी मेहनती नहीँ,  मैं उन बेग़ैरत मेहनतकशों को बताना चाहता हूं, दिन-रात काम करने वालों आलसियों की अंतरात्मा का तुन्हें इल्म (अंदाजा)  नही, तुम दिन में 8 घण्टे काम कर सकते हो और हम दिन के 10 घण्टे सो सकते हैं, तुम स्वास्थ्य के लिए व्यायाम करते हो और हम पलँग तोड़ नींद में रहते हैं, नींद हमारा सबसे प्राथमिक  कर्म है, चाहे कोई चिल्लाए हमे बुलाये, हमारे ऊपर ठंडा पानी डाल के हम पे ज़ुल्म करे लेकिन हम  सारे जुल्मों सितम सोते-सोते सह लेते हैं, मुँह से चूं तक नहीं निकलता ,ऐसी है हमारी मेहनत। 

मेरे आलसियों , मैं केंद्र सरकार से ये प्रस्ताव करूँगा की आलसनगर में, सामूहिक निद्रा केंद्र भवन का शिलान्यास जल्द से जल्द हो, ताकि हमारी आलसी जनता किसी भी वक़्त कहीं भी आलस कर निद्रा ले सकें, मैं अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ऐसा भव्य नगर के निर्माण की कामना करता हूँ जहां, आलीशान बिस्तर और गद्दों ,सोफे की कोई कमी न रहे, लस्सी ,पराठा , बिरियानी में सरकारी छूट हो, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी परम् आलसी होकर आलसनगर का नाम समस्त विश्व मे रोशन करे, और सारी दुनियां के लोग हमारी संस्कृत का लोहा माने ,इसी के साथ उबासी लेते हुए मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ। मैं क्षमाप्रार्थी हूँ उन सब के लिए जिन्होंने अपनी नींद रोक कर अपने नेता के लिए वक़्त निकाला। 

अब आप आलस देव का आवाहन कर निद्रा के लिए प्रस्थान कर सकते हैं।

आलसनगर ज़िंदाबाद।

जय श्री हरि🌺🌺😁😁